धार्मिक ज्ञान/विज्ञान
आज से चैत्र नवरात्रि, घटस्थापना के 2 मुहूर्त,उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें कलश और देवी प्रतिमा, जानिए घटस्थापना की विधि..
चैत्र नवरात्रि का आरंभ एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो नौ दिनों तक चलता है। यह त्योहार नववर्ष के आगमन को संदेशित करता है और देवी दुर्गा की आराधना का अवसर प्रदान करता है। नवरात्रि के इस पहले दिन को “घटस्थापना” कहा जाता है, जिसमें घट और देवी के प्रतिमा की स्थापना की जाती है।
घटस्थापना के लिए उत्तर-पूर्व दिशा को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि यह दिशा सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। इसके अलावा, घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है, जो पंचांग या पंडितों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है।
घटस्थापना की विधि में, एक छोटे बर्तन (घट) में पानी भरा जाता है और उस पर कलश स्थापित किया जाता है। कलश को सजाया जाता है और उसे स्वस्थ और सुखी जीवन के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। इसके बाद, घट के आसपास कोल्हू, आटा, सिंदूर, गंध, अप्पम, धूप, दीप, नारियल, अखरोट आदि को प्रसाद के रूप में रखा जाता है।
घटस्थापना के दौरान, पंडित या पूजारी मंत्रों का पाठ करते हैं और देवी दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करते हैं। इस दिन की अन्य प्रतियोगिता और खेलों में भी भाग लिया जाता है, जिससे लोगों को आनंद और उत्साह का महसूस होता है।
घटस्थापना के बाद, चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना और पूजा की जाती है, जिसमें नौ रूपों की पूजा और विशेष प्रसाद की वितरण शामिल है।
आज (9 अप्रैल) से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है। इस बार ये नवरात्रि पूरे नौ दिन (9 से 17 तारीख तक) की रहेगी। नौ दिनों तक देवी पूजा करने के लिए आज घटस्थापना की जाएगी। इसके लिए 2 शुभ मुहूर्त रहेंगे।
9 अप्रैल को सर्वाथ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग
चैत्र नवरात्रि में माता घोड़े पर सवार होकर आएंगी। व्यापार के नजरिए से ये साल शुभ रहेगा। नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग रहेगा।
नई चीजें खरीदने के लिए भी ये नवरात्रि शुभ रहने वाली है। इन नौ दिनों में घर की जरूरत की चीजें खरीद सकते हैं।
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